- वर्तमान संदर्भ
- 7 फरवरी‚ 2021 को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान‚ दिल्ली (IIT-Delhi) ने कहा कि उसके शोधकर्ताओं ने कम लागत पर जल से स्वच्छ ईंधन के रूप में हाइड्रोजन (H2) उत्पन्न करने की एक तकनीक विकसित की है।
(i)
यह तकनीक विकास‚ वैश्विक स्तर पर स्वच्छ और हरित ऊर्जा स्रोतों की खोज के लिए किए जा रहे प्रयासों की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
(ii)
हाइड्रोजन ईंधन जीवाश्म ईंधन का एक नवीकरणीय व्यवहार्य विकल्प है‚ जो प्रदूषण को कम करने में मील का पत्थर साबित हो सकती है।
- प्रमुख बिंदु/महत्वपूर्ण तथ्य
- यह शोध ‘नेचुरल गैस कॉर्पोरेशन एनर्जी सेंटर (OEC) द्वारा वित्तपोषित था।
- शोधकर्ताओं के द्वारा ‘सल्फर-आयोडीन (Sulphur-Iodine-SI) थर्मोकेमिकल हाइड्रोजन चक्र (SI Cycle)’ प्रक्रिया के माध्यम से औद्योगिक खपत के लिए कम लागत पर जल से स्वच्छ हाइड्रोजन ईंधन को सफलतापूर्वक उत्पादित किया गया है।
- सामान्यत: सल्फर-आयोडीन चक्र (SI Cycle) में जल के ऑक्सीजन से हाइड्रोजन के पृथक्करण के लिए गैर-नवीकरणीय स्रोतों‚ जैसे कि कोयला‚ तेल और प्राकृतिक गैस की तुलना में उच्च मात्रा में ताप की आवश्यकता होती है।
- यह हाइड्रोजन गैस के बड़े पैमाने पर उत्पादन (Production) को आर्थिक रूप से गैर-व्यवहार्य और पर्यावरण के प्रतिकूल बनाता है।
- शोधकर्ताओं में शामिल प्रोफेसर श्रीदेवी उपाध्याय के अनुसार‚ स्वच्छ ईंधन के रूप में हाइड्रोजन गैस का चुनाव एक अच्छा विकल्प है‚ क्योंकि इससे ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन को कम करने में मदद मिलेगी।
- वर्तमान समय में जल (H2O) जैसे नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों को ईंधन के रूप में उपयोग करने की आवश्यकता है।
- थर्मोकेमिकल हाइड्रोजन साइकिल से ईंधन के रूप में हाइड्रोजन (H2) और सहउत्पाद (By product) के रूप में ऑक्सीजन (O2) के उत्पादन का व्यावहारिक साधन मिलता है।
- IIT, दिल्ली के अनुसार‚ सबसे बड़ी चुनौती एक ऐसे लागत-प्रभावी उत्प्रेरक (Catalyst) को डिजाइन करना‚ जो सल्फ्यूरिक अम्ल (H2SO4) से सल्फर डाइऑक्साइड (SO2) और ऑक्सीजन में बदलाव करने में सक्षम हों।
- शोधकर्ताओं द्वारा विकसित ‘मोडिफाइड आयरन ऑक्साइड कैटलिस्ट’ न केवल लागत प्रभावी है‚ बल्कि उच्च तापमान और संक्षारक (Corrosive) स्थितियों में भी काम करता है।
- विकसित तकनीक का महत्व
- लागत प्रभावी स्वच्छ हाइड्रोजन की उपलब्धता हाइड्रोजन ईंधन सेल प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोग (Application) में वृद्धि और सुधार करेगा।
- यह विभिन्न क्षेत्रों की ऊर्जा जरूरतों के लिए एक स्वच्छ तथा विश्वसनीय वैकल्पिक ऊर्जा स्रोत का लाभ प्रदान करेगा।
- नोट – हाइड्रोजन ईंधन सेल – यह एक विद्युत रासायनिक जेनरेटर है‚ जो उप-उत्पादों (By products) के रूप में ताप और जल का उपयोग करते हुए हाइड्रोजन (H2) और ऑक्सीजन (O2) के संयोजन से विद्युत उत्पादन करता है।
- लागत प्रभावी स्वच्छ हाइड्रोजन ईंधन की उपलब्धता भारत को पेरिस जलवायु समझौते के तहत निर्धारित उत्सर्जन लक्ष्य को प्राप्त करने में सहायक होगी।
- भविष्य में शून्य उत्सर्जन के लक्ष्य को भी प्राप्त किया जा सकेगा।
- यह हाइब्रिड/इलेक्ट्रिक वाहनों के विकास से संबंधित भारत सरकार की ‘FAME इंडिया योजना’ के पूरक (Supplementary) के रूप में कार्य करेगी।

- नोट – सल्फर-आयोडीन चक्र (SI Cycle)
- यह एक त्रि-चरणीय थर्मोकेमिकल चक्र है‚ जिसका उपयोग हाइड्रोजन के उत्पादन के लिए किया जाता है।
- इसमें सभी रसायनों का पुनर्नवीनीकरण (Recycled) किया जाता है।
- इस प्रक्रिया में पर्याप्त ताप की आवश्यकता होती है।
- परंपरागत रूप से सल्फर-आयोडीन चक्र का विकास कई देशों द्वारा चतुर्थ पीढ़ी (Fourth Generation) के परमाणु रिएक्टरों के साथ हाइड्रोजन के उत्पादन के लिए किया गया है।
सं. शिशिर अशोक सिंह