- वर्तमान परिदृश्य
- 17 दिसंबर‚ 2020 को तेलुगू देशम पार्टी (TDP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष एन. चंद्रबाबू नायडू ने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई.एस. जगनमोहन रेड्डी को प्रदेश की तीनों राजधानियों के विचार पर जनमत संग्रह करने की चुनौती दी है।
- 31 जुलाई‚ 2020 को राज्य सरकार द्वारा ‘आंध्र प्रदेश विकेंद्रीकरण एवं सभी क्षेत्रों का समावेशी विकास अधिनियम‚ 2020’ तथा ‘आंध्र प्रदेश राजधानी क्षेत्र विकास प्राधिकरण (निरसन) अधिनियम‚ 2020’ को अधिसूचित किया गया था।
- इस अधिनियम के तहत आंध्र प्रदेश की तीन राजधानियां होंगी और इसके साथ ही ऐसा करने वाला यह देश का पहला राज्य बन गया है।
- आंध्र प्रदेश की प्रस्तावित तीनों राजधानियां निम्न हैं-
- आंध्र प्रदेश कार्यपालिका (कार्यकारी राजधानी) -विशाखापत्तनम
- राज्य विधानसभा (विधायी राजधानी) – अमरावती
- हाईकोर्ट अर्थात न्यायिक राजधानी – कुर्नूल
- तीन राजधानियों की आवश्यकता क्यों?
- सरकार का कहना है कि राज्य के अन्य हिस्सों की उपेक्षा करते हुए एक विशाल राजधानी शहर बनाने के विरुद्ध है।
- प्रदेश में तीन राजधानियां होने से राज्य के विभिन्न क्षेत्रों का समान रूप से विकास सुनिश्चित होगा।
- आंध्र प्रदेश की राजधानी के लिए उपयुक्त स्थल के सुझाव हेतु गठित सभी प्रमुख समितियों की सिफारिशों में ‘विकेंद्रीकरण’ केंद्रीय विषय रहा है।
- आंध्र प्रदेश की राजधानी के सुझाव हेतु बनी प्रमुख समितियों में- श्री कृष्णा समिति‚ के. शिवरामकृष्णन समिति‚ जस्टिस बी.एन. तथा जी.एन. राव समिति आदि सम्मिलित हैं।
- तीन राजधानी के विचार को लागू करने में समस्या
- समन्वय और क्रियान्वयन संबंधी आशंका।
- अलग-अलग शहरों में स्थित विधायिका तथा कार्यपालिका के मध्य समन्वय स्थापित करना आसान नहीं होगा।
- सरकार ने अभी तक इस योजना के संबंध में कोई विवरण प्रस्तुत नहीं किया है‚ जिससे जनता में काफी आशंका है।
- कार्यकारी राजधानी विशाखापत्तनम‚ न्यायिक राजधानी कुर्नूल से 700 किमी. तथा अमरावती से 400 किमी. की दूरी पर स्थित है‚ इससे परिवहन लागत दर बढ़ेगी साथ ही यात्रा में समय बर्बाद होगा।
- एक से अधिक राजधानी वाले भारतीय राज्य
(i) महाराष्ट्र – महाराष्ट्र की दो राजधानियां हैं मुंबई
नागपुर (राज्य विधानसभा की शीतकालीन सत्र के लिए)
(ii) हिमाचल प्रदेश – हिमाचल प्रदेश की दो राजधानियां हैं शिमला
धर्मशाला (शीतकालीन)
सं. प्रशान्त सिंह