- पृष्ठभूमि
- वर्ष 1916 में महात्मा गांधी ने अपने एक उद्बोधन में ‘स्वच्छता’ को ‘राजनीतिक स्वतंत्रता’ से भी अधिक महत्वपूर्ण बताया था।
- उनकी इस विचारधारा के समर्थन में 2 अक्टूबर, 2014 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘स्वच्छ भारत मिशन’ को लांच किया था।
- इस मिशन का उद्देश्य 2 अक्टूबर, 2019 (महात्मा गांधी के जन्म की 150वीं वर्षगांठ) तक भारत को एक स्वच्छ एवं खुले में शौच मुक्त राष्ट्र के रूप में रूपांतरित करना था।
- स्वच्छ सर्वेक्षण
- स्वच्छता के मुद्दे पर देशभर के नगर निगमों तथा स्थानीय शहरी निकायों के मध्य स्वच्छ प्रतिस्पर्धा की भावना को जागृत करने के उद्देश्य से वर्ष 2016 में ‘स्वच्छ सर्वेक्षण’ आरंभ किया गया था।
- स्वच्छ सर्वेक्षण, 2016 में 1 मिलियन से अधिक जनसंख्या वाले 73 शहरों को शामिल किया गया था।
- इसके बाद स्वच्छ सर्वेक्षण, 2017, स्वच्छ सर्वेक्षण, 2018 तथा स्वच्छ सर्वेक्षण, 2019 में क्रमशः 434, 4203 तथा 4,237 स्थानीय शहरी निकायों (VLBs) को शामिल किया गया था।
- वर्तमान परिप्रेक्ष्य
- 20 अगस्त, 2020 को भारत सरकार के शहरी तथा आवास मामलों के मंत्रालय (Ministry of Housing and Urban Affairs) द्वारा ‘स्वच्छ सर्वेक्षण, 2020’ का परिणाम जारी किया गया।
- ‘स्वच्छ सर्वेक्षण, 2020’ में 28 दिनों तक सभी राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों के 4242 शहरों, 62 कैंटोनमेंट बोर्ड (छावनी बोर्ड) तथा 97 गंगा (कुल 4371) के किनारे बसे नगरों में संचालित किया गया। यह अपनी तरह का पहला डिजिटल सर्वे भी था।
- सर्वेक्षण के आंकड़ों के संग्रह का काम चार प्रमुख स्रोतों यथा-सेवा स्तर पर हुई प्रगति, प्रत्यक्ष निगरानी, नागरिकों से प्राप्त फीडबैक और प्रमाणन के आधार पर किया गया।
- स्वच्छ सर्वेक्षण, 2020 में पहली बार गंगा के किनारे बसे 97 नगरों को भी शामिल किया गया है।
- जुलाई, 2020 में स्वच्छ सर्वेक्षण, 2021 के 6वें संस्करण को लांच किया गया।
- स्वच्छ सर्वेक्षण, 2021 का फोकस होगा-‘अपशिष्ट जल के उपचार पर ध्यान केंद्रित करना तथा मलजल का पुनः उपयोग करना, मृतप्राय अपशिष्ट प्रबंधन विरासत को प्रबंधित करना तथा गड्ढों (लैंडफिल) का उपचार करना’।
- इसके अंतर्गत नई प्रदर्शन श्रेणी-‘प्रेरक दौर सम्मान’ की शुरुआत की गई है, जिसके अंतर्गत 5 उपश्रेणियां-दिव्य (प्लेटिनम), अनुपम (गोल्ड), उज्ज्वल (रजत), उदित (कांस्य) तथा आरोही (आकांक्षी) प्रस्तुत की गई हैं।
- स्वच्छ सर्वेक्षण, 2020 के प्रमुख तथ्य
- स्वच्छ सर्वेक्षण, 2020 के तहत 4324 शहरी स्थानीय निकायों को खुले में शौच मुक्त (ODF) घोषित किया गया।
- 1319 शहरों को ओडीएफ+ तथा 489 शहरों को ओडीएफ++ के रूप में प्रमाणित किया गया है।
- इस दौरान 66 लाख से अधिक वैयक्तिक शौचालय (Individual Toilets) तथा 6 लाख से अधिक सामुदायिक शौचालयों का निर्माण किया गया।
- 2900 से अधिक शहरों में निर्मित 59,900 से अधिक शौचालयों को गूगल मैप पर सजीव रूप में इंगित किया गया है।
- ठोस कचरा प्रबंधन के क्षेत्र में 96 प्रतिशत वार्डों ने डोर-टू-डोर एकत्रण के स्तर को प्राप्त कर लिया है, जबकि एकत्रित ठोस कचरे की 66 प्रतिशत मात्रा को प्रसंस्कृत किया जा रहा है।
- ठोस कचरा प्रसंस्करण का यह आंकड़ा वर्ष 2014 के 18 प्रतिशत से लगभग 4 गुना अधिक है।
- कुल 6 शहरों – इंदौर, अम्बिकापुर, नवी मुंबई, सूरत, राजकोट और मैसूर को पांच स्टार (5 Star) प्रमाणन दिया गया।
- जबकि 86 शहरों को तीन स्टार (3 Star) प्रमाणन तथा 64 शहरों को एक स्टार (1 Star) प्रमाणन कचरा मुक्त शहर के लिए प्रदान किया गया।
- स्वच्छ सर्वेक्षण, 2020 में
- 1.87 करोड़ नागरिकों के फीडबैक प्राप्त किए गए।
- 1.7 करोड़ नागरिकों को स्वच्छता ऐप पर रजिस्टर्ड किया गया।
- 5.5 करोड़ स्वच्छता सेवकों को सामाजिक कल्याण कार्यक्रम से जोड़ा गया।
- 11 करोड़ से अधिक सोशल मीडिया छाप (Impressions) प्राप्त हुए।
- 84000 से अधिक कूड़ा बटोरने वालों को मुख्यधारा में शामिल किया गया।
- शहरी स्थानीय निकायों द्वारा 4 लाख से अधिक ठेका श्रमिकों को रोजगार दिया गया।
- 21000 से अधिक कचरा गंभीर बिंदुओं को चिह्नित कर उनका रूपांतरण किया गया।
- रैंकिंग
- स्वच्छ सर्वेक्षण, 2020 में राष्ट्रीय स्तर पर विगत वर्षों की भांति एक बार फिर इंदौर शीर्ष पर है।
- शीर्ष 10 शहरों की रैंकिंग इस प्रकार है-
क्रम | शहर | क्रम | शहर |
1 | इंदौर (मध्य प्रदेश) | 6 | विजयवाड़ा (आंध्र प्रदेश) |
2 | सूरत (गुजरात) | 7 | अहमदाबाद (गुजरात) |
3 | नवी मुंबई (महाराष्ट्र) | 8 | नई दिल्ली NDMC (दिल्ली) |
4 | अम्बिकापुर (छत्तीसगढ़) | 9 | चंद्रपुर (महाराष्ट्र) |
5 | मैसूर (कर्नाटक) | 10 | खरगौन (मध्य प्रदेश) |
- सर्वेक्षण, 2020 के तहत बिहार के गया को अंतिम स्थान (382वां) प्राप्त हुआ।
- शीर्ष 20 शहरों में उत्तर प्रदेश के 4 शहरों को स्थान प्राप्त हुआ जिसमें लखनऊ (12वां), आगरा (16वां), गाजियाबाद (19वां) तथा प्रयागराज (20वां) ने अपनी जगह बनाई, जबकि वर्ष 2019 की रैंकिंग में उत्तर प्रदेश का एकमात्र शहर गाजियाबाद (13वां स्थान) ही शामिल था।
- उत्तर प्रदेश के अन्य शीर्ष स्थान प्राप्त शहरों में नोएडा (25वां), झांसी (27वां), अलीगढ़ (30वां), मथुरा-वृंदावन (39वां) को स्थान प्राप्त हुआ।
- राज्यों की रैंकिंग इस प्रकार है –
शीर्ष स्थान प्राप्त 5 राज्य (100 स्थानीय निकायों से कम) |
शीर्ष स्थान प्राप्त 5 राज्य (100 स्थानीय निकायों से अधिक) |
||
क्रम |
राज्य |
क्रम |
राज्य |
1 |
झारखंड |
1 |
छत्तीसगढ़ |
2 |
हरियाणा |
2 |
महाराष्ट्र |
3 |
उत्तराखंड |
3 |
मध्य प्रदेश |
4 |
सिक्किम |
4 |
गुजरात |
5 |
असम |
5 |
पंजाब |
- उत्तर प्रदेश के चुनार तथा ब्।िठूर को सर्वाधिक स्वच्छ गंगा नगर घोषित किया गया है।
- निष्कर्ष
- हाल ही में घोषित किए गए स्वच्छ सर्वेक्षण, 2020 के परिणाम इस बात को प्रमाणित करते हैं कि स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत किए जा रहे प्रयास सही दिशा में अग्रसर हैं। पुरस्कारों का वितरण करते हुए शहरी एवं आवास मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि शहरों के संपूर्ण प्रदर्शन को देखते हुए हम न केवल स्वच्छ बल्कि स्वस्थ, सशक्त, संपन्न तथा आत्मनिर्भर ‘न्यू इंडिया’ का निर्माण करने की ओर बढ़ रहे हैं।
सं. अमित त्रिपाठी
Hello sir ji